मेरा भैया चंदा,
करता नही कोई काम गंदा.
घर का है वो मासूम फूल,
रोक सके ना कोई उसे, घर का रूल,
मेरा भैया चंदा,
करता नही कोई काम गंदा.
करता है वो मुझको हरदम तंग,
हर शरारत मे है उसके ह्स्मुख रंग,
मेरा भैया चंदा
करता नही कोई काम गंदा.
है वो मम्मा पॅपा का दुलारा,
आदर से आता, झट से कोई भी जब पुकारा,
मेरा भैया चंदा,
करता नही कोई काम गंदा.
लखो मे है एक मेरा भैया,
खुशियो का घर हमारा, वो है खुशहाली का पहियया,
मेरा भैया चंदा,
करता नही कोई काम गंदा.
मदीहा मरियम, कक्षा ५-ब,
डि.पि.येस बॅंगलुर ईस्ट.
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